सूरत। पूरे राज्य में बारिश हो रही है। कई स्थानों पर बाढ़ से हालात हैँ। इसके बाद भी अभी तक सूरत में इतनी बारिश नहीं हुई कि जिसे पर्याप्त कहा जाए। यहां अभी भी औसत से कम बारिश हुई है। अगर जल्द ही इस क्षेत्र में बारिश नहीं हुई, तो पीने के पानी का संकट शुरू हो सकता है, क्योंकि उकई डैम अभी तक भरा नहीं है। औसत स्तर से 35 फीट नीचे है...
उकाई डैम जुलाई में अपने औसत स्तर से अभी भी 35 फीट नीचे है। अगर आने वाले दो महीने में भी बारिश का यही हाल रहा तो डैम में साल भर का पानी जमा नहीं हो पाएगा। इससे सूरत शहर को पीने के पानी का संकट आ सकता है। सिंचाई विभाग ने बताया कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के जिलों में पड़ने वाले उकाई डैम के कैचमेंट एरिया में बारिश नहीं होने से डैम में पानी की आवक नहीं हो रही है। डैम का जलस्तर अपने रूल लेवल से 35 फीट नीचे है। उकाई डेम के रूल लेवल के अनुसार एक जुलाई, लेकिन इस बार इस तारीख को 286 फीट ही था। सिंचाई विभाग के अनुसार 27 जुलाई तक इसका जल स्तर 333 फीट होना चाहिए, लेकिन अभी यह 298.50 फीट के स्तर पर है।
मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र से डेम का 90% भाग भरता है
कैचमेंट एरिया में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के मुख्य 21 रेन गेज स्टेशनों की बारिश से डैम का 90 फीसदी भाग भरता है। इनमें 19 गेज स्टेशनों में सिर्फ 9 गेज स्टेशन में ही बारिश हुई है, बाकी के 10 गेज स्टेशन में बारिश नहीं के बराबर हुई है। इन 9 गेज स्टेशनों में 27 जुलाई तक 3366 एमएम (133.54 इंच) बारिश दर्ज की गई। उकाई डैम में पानी की आवक अभी 6387 क्यूसेक है, जबकि रोज इसमें से 600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। उकाई डैम के निचले क्षेत्रों में होने वाली बारिश से महज 10 फीसदी पानी ही तापी नदी तक पहुंचता है।
कैचमेंट एरिया में कम बारिश से पानी की आवक घटी
महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में कम बारिश|उकाई डैम का कुल जलस्तर 345 फीट होता है। इसमें करीब 7,414 एमसीएम पानी का संग्रह होता है। 1 जून 2018 को डैम का जलस्तर 289.24 फीट होने से सिंचाई का पानी छोड़ना बंद कर दिया था। सामान्य रूप से जून के दूसरे सप्ताह से कैचमेंट एरिया में बारिश शुरू होने पर डैम में पानी की आवक शुरू हो जाती है, पर इस साल अब तक करीब 55 दिनों में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में छिटपुट बारिश ही दर्ज की गई है, जिससे डैम में पानी की आवक कम है। नंदुरबार के प्रकाशा डैम और उकाई डैम के बीच के क्षेत्रों में होने वाली बारिश से जून में पानी की आवक शुरू होती है। इसके बाद हथनूर डैम का जलस्तर मेनटेन करने के लिए यहां से पानी छोड़ना शुरू किया जाता है, जो उकाई में आता है।
यह होना चाहिए रूल लेवल
महीना रूल लेवल
जुलाई 333 फीट
अगस्त 335 फीट
सितंबर 345 फीट
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