Tuesday, August 7, 2018

6 महीने तक कोई ग्राहक नहीं आया, आज भरतभाई की आलूपुरी के लिए लगती है लाइन

सूरत। अडाजण की महालक्ष्मी मंदिर के पास मिलने वाली भरतभाई की आलूपुरी पूरे शहर में फेमस है। अपने सीक्रेट मसाले के कारण यहां की आलूपुरी शहर में मिलने वाली तमाम आलूपुरी से अलग है। इसे बनाने वाले भरतभाई पहले हीरे के कारखाने में नौकरी करते थे, इसके बाद उनके मन में आलूपुरी बनाकर बेचने का खयाल आया। जब इसका ठेला लगाया, तो 6 महीने तक एक भी ग्राहक नहीं अाया। आज उसी के लिए लाइन लगती है। रोज सामग्री बिगड़ जाती, दूसरे दिन नई सामग्री के साथ फिर आ जाता…



भरत परमार बताते हैं कि मैं हीरे के कारखाने में काम करता था। जितनी भी मेहनत करो, पर मजा नहीं आता था। इससे काम में भी मन नहीं लगता था। एक दिन मैंने कह दिया कि मैं कल से काम पर नहीं आऊंगा। उसके बाद यह समझ में ही नहीं आया कि क्या किया जाए? कई दिनों तक विचार करता रहा। अाखिर में एक समय ऐसा भी आया कि अब यदि कुछ न किया गया, तो जीना ही मुश्किल हो जाएगा। फिर विचार अाया कि आलूपुरी बेची जाए। बस फिर क्या था, मैंने आलूपुरी का ठेला लगा लिया। पहले दिन कोई नहीं आया, सब कुछ बच गया, पूरी सामग्री बिगड़ गई। दूसरे दिन फिर नई सामग्री के साथ फिर ठेला लगाया। उस दिन भी कोई नहीं आया। फिर भी  हार नहीं मानी, क्योंकि मेरे पास अब करने के लिए कुछ भी नहीं था।



ठेले से दुकान शुरू की
भरत भाई बताते हैं कि इसी तरह 6 महीने निकल गए, इस दौरान कई दिन ऐसे भी गुजरे, जब एक भी ग्राहक नहीं आया। धीरे-धीरे मेरी मेहनत रंग लाने लगी। ग्राहक बढ़ने लगे। आज उसी आलूपुरी के लिए लोगों की लाइन लगती है। तब मैंने ठेले से अपनी दुकान शुरू कर दी। लोगों को मेरी आलूपुरी का टेस्ट इतना भाया कि छह महीनों के दौरान जितना घाटा हुआ था, वह पूरा हो गया। अब तो इस धंधे को करते हुए 8 साल हो गए। अब हालत यह है कि दुकान एक दिन भी बंद रहती है, तो लोग फोन करने लगते हैं। आज सोचता हूं कि उन 6 महीनों के दौरान यदि मैं हारकर घर पर बैठ गया होता, तो आज यहां तक नहीं पहुंच पाता।

मसाला घर पर ही बनाते हैं
भरत भाई के अनुसार वे आलूपुरी का गरम मसाला घर पर ही बनाते हैं। उसमें तेज पत्ता, लौंग, काली मिर्च और काला नमक डालता हूं। इस गरम मसाले का उपयोग मसाला बनाने में करता हूं, इससे मेरी आलूपुरी का स्वाद कुछ अलग ही है।

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